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Cyber protection policies are the need of hour: Prof Mishra

Dehradun:

Cyber protection policies for academic institutions as well as countries are the need of the hour in this digital era. This was stated by Prof. P.K. Mishra, Senior Professor, Department of Chemical Engineering, IIT-BHU, and Former Vice-Chancellor of AKTU Lucknow & JUT Ranchi, as Chief Guest during the inaugural session of a week-long online Faculty Development Program (FDP) on Cyber Crime and Cyber Security, organized by the Mahamana Malaviya Teachers Training Centre (MMTTC), HNB Garhwal University today on May 15, 2025.

He further emphasized that cybersecurity is the trending area globally, underscoring its relevance in all spheres of life and governance. Prof. Mishra discussed various forms of cyber threats, including cyber terrorism, cyber defamation, virtual lock, and cyber-sex crimes, and stressed the growing need for cyber protection software and institutional cyber policies to combat these dangers. He also discussed the significance of cyber security in view of the “Panchsheel principles of the New Millennium”.
Dr. Rahul Kunwar Singh, the officiating Director of the centre, MMTTC, emphasized the critical need for raising cybersecurity and cybercrime awareness in higher education institutions to uphold academic integrity and secure institutional data. He said that the program is aimed at equipping faculty members from across the country with vital knowledge and tools to address emerging threats in cyberspace. The event marked a significant step toward fostering cyber-awareness and building digital competence among academicians across the country.
Providing a comprehensive overview of the program, Dr. Sudhir Kumar Chaturvedi, Course Coordinator, highlighted that this one-week initiative has successfully drawn 149 faculty participants from 20 different states across India. He underlined the multidisciplinary relevance of the program in today’s digitally connected academic and professional environment. The is covering a range of modules focusing on cyber law, digital safety practices, emerging threats, and institutional strategies for cyber hygiene and resilience. Welcome address to the guests and coordination of the session was performed by Dr. Somesh Thapliyal, the Assistant Director of the centre with great finesse.

जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बुधवार को हेमकुंड साहिब यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक 

चमोली  
       जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बुधवार को हेमकुंड साहिब यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने यात्रा से जुड़े सभी संबंधित विभागों को 20 मई तक सारी व्यवस्थाएं चाक चौबंद करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने पीएमजीएसवाई को मिशन मोड पर गोविन्दघाट से पुलना तक सड़क में प्रोटेक्शन वर्क, गडढे भरने और जेसीबी लगाकर सड़क को सुचारू करने के निर्देश दिए। उन्होंने पीडब्लूडी को पुलना से हेमकुण्ड साहिब तक रैलिंग, साइनेज लगाने और अटलाकोटी में मेडिकल रिलीफ पोस्ट के प्री फैवरिक सेड को तेजी से पूर्ण करने के साथ ही गोविन्दघाट में वैली व्रिज को यात्रा से पूर्व सुचारू करने व वैली व्रिज पर वाहन क्षमता  के साइनेज लगाने के निर्देश दिए। जल संस्थान को यात्रा मार्ग पर पेयजल व्यवस्था और विद्युत विभाग को विद्युत आपूर्ति सूचारू करने के निर्देश दिए।
       वहीं उन्होंने सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य व पशुपालन सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं से जुडे़ अधिकारियों की टीम हेमकुण्ड साहिब भेजने और गुरूद्वारा प्रबंधन और ईडीसी से समन्वय स्थापित करते हुए वे अपने अपने विभाग से संबंधित कामों को देखने और जो कमियां हैं उन्हें समय से दूर करने के निर्देश दिए। ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो। उन्होंने ईडीसी को यात्रा मार्ग लगाए गए बंेच, पानी के नल, माइल स्टोन आदि के रखरखाव करने और शुलभ इन्टरनेशनल को हेमकुण्ड यात्रा मार्ग पर शौचालयों को सुचारू करने के निर्देश दिए। पशुपालन विभाग को घोड़े खच्चरों का बीमा करने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
      विदित है कि इस बार हेमकुण्ड साहिब व लोकपाल मन्दिर के कपाट 25 मई को खुलने हैं।
     इस दौरान अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश,जिला पर्यटन अधिकारी बृजेन्द्र पाण्डेय,सीएमओ अभिषेक गुप्ता,एसई जल संस्थान  सुशील कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

Bridging the Gap Between Theory and Practice is Essential in a Knowledge-Driven Economy: Prof  Kuhad

IEP Srinagar (Garhwal)

“Research is a vital pillar of higher education—it generates new knowledge and strengthens academic foundations. However, for this knowledge to have real impact, it must be practically implemented. Bridging the gap between theoretical knowledge and its practical application is the pressing need of today’s knowledge-driven economy,” said Prof. Ramesh Chandra Kuhad, Distinguished Professor at M.D. University Rohtak and former Vice Chancellor of the Central University of Haryana. Prof. Kuhad made these remarks as the Chief Guest during the inaugural session of the one-month Faculty Induction (Guru Dakshata) Program, organized by the Malaviya Mission Teacher Training Centre of Hemvati Nandan Bahuguna Garhwal University, Srinagar (Garhwal). The program is being conducted in hybrid mode.

Prof. Rajendra Singh Negi, Director of the Chauras Campus and faculty member in the Department of Rural Technology, presided over the session. He emphasized that research and its practical applications must be rooted in the principle of sustainability. “Sustainability should not be treated as an add-on in higher education,” he stated. “It must be an integral part of academic frameworks and included in the curriculum across all disciplines.”

Welcoming the guests and participants, Dr. Rahul Kunwar Singh, Officiating Director of the Malaviya Mission Teacher Training Centre, underscored the importance of such training. “Faculty members in higher education must undergo induction training within one to two years of their appointment,” he said. He also provided an overview of the program and its significance in shaping effective educators. He also informed that total 78 faculty participants from 19 different states of the country are participating in this program.

The session was coordinated by Dr. Somesh Thapliyal, Assistant Director of the Centre, with support from Program Executive Dr. Kavita Bhatt and non-teaching staff members Anil Kathait and Poonam Rawat.

सीएम धामी ने देशहित को सर्वाेपरि रखने हेतु युवाओं का आह्वाहन किया

Dehradun

सीएम धामी ने समस्त युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि हम देशहित को सर्वाेपरि रखते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा, समर्पण और ईमानदारी से करें, साथ ही ये संकल्प लें कि हर संकट की घड़ी में हम एकजुट होकर राष्ट्र के साथ दृढ़ता से खड़े रहेंगे।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को गुरू राम राय विश्वविद्यालय के वार्षिक समारोह “जेनिथ-25 फेस्ट” में शामिल हुए।

‘फ्यूचर-रेडी’ बने युवा -सीएम धामी

इस अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित छात्राओं को संबोधित करते हुए  मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि  आज का रोजगार परिदृश्य तेज़ी से बदल रहा है, विभिन्न नवाचारों के कारण रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं और पुराने खत्म हो रहे हैं। इसके लिए हमें अपने युवाओं को ‘फ्यूचर-रेडी’ बनाना होगा।  इस दिशा में हमने इंटर्नशिप और इंडस्ट्री लिंक्ड कोर्सेज को प्रोत्साहित करने हेतु विभिन्न उद्योगों और कॉरपोरेट संस्थानों के साथ समझौते किए हैं।  इसके साथ ही, हमने स्टार्टअप और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किए हैं, जिससे युवाओं में उद्यमिता को विकसित किया जा सके। हमारा उद्देश्य है कि हमारे युवा केवल नौकरी ढूंढने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले भी बनें।

 नई शिक्षा नीति  रोजगारोन्मुख और व्यावहारिक – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा और संस्कार मनुष्य के जीवन के दो सबसे बहुमूल्य उपहार हैं, जो न केवल उसकी सोच को आकार देते हैं, बल्कि जीवन की दिशा और दशा दोनों को बदलने का सामर्थ्य भी रखते हैं। यह दोनों गुण जिस व्यक्ति में विकसित हो जाते हैं, वो अपने परिवार का ही नहीं बल्कि समाज और राष्ट्र के काम भी आता है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन एवं सहयोग से हमारी सरकार प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में निरंतर सुधार करने का प्रयास कर रही है। शिक्षा के महत्व को ध्यान में रखकर हमारी सरकार ने त्वरित निर्णय लेते हुए देश में सर्वप्रथम ‘नई शिक्षा नीति’ को लागू करने का कार्य किया। इस नीति द्वारा शिक्षा व्यवस्था को  रोजगारोन्मुख और व्यावहारिक बनाने का प्रयास किया किया गया है।

सैनिक पुत्र होने पर गर्व – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें गर्व है कि हम उत्तराखंड की वीर भूमि से आते हैं जहां के हर परिवार से कोई न कोई सदस्य सेना में जरूर होता है, मैं स्वयं भी एक सैनिक का बेटा हूँ।  आप सभी जानते हैं, पहलगाम में दुश्मन द्वारा किए गए कायराना आतंकी हमले का हमारी बहादुर सेना द्वारा मुँहतोड़ जवाब दिया गया है। जब-जब भारत माता ने अपने सपूतों को पुकारा है, देवभूमि उत्तराखंड के वीरों ने लहू देकर मातृभूमि की रक्षा करने का कार्य किया है। आप में से कई लोगों के परिवारजन भी भारतीय सेना में सेवा दे रहे होंगे, कोई बर्फ से ढके दुर्गम पोस्ट पर डटा होगा, तो कोई तपते रेगिस्तान में मां भारती की रक्षा कर रहा होगा। परंतु हमें भी अपने-अपने स्थानों पर रहते हुए, एक सैनिक की भांति सजगता, समर्पण और सेवा-भावना को अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा।
क्योंकि राष्ट्र की एकता और अखंडता की रक्षा केवल सीमाओं पर रहकर ही नहीं होती बल्कि हमारे विचारों और कर्मों से भी प्रदर्शित होती है।

संत परंपरा से जुड़ी संस्थाओं की  सराहना

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरू राम राय विश्वविद्यालय केवल एक विश्वविद्यालय  नहीं है बल्कि एक जीवंत, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परंपरा के ध्वजवाहक भी हैं। क्योंकि संत परंपरा से जुड़ी संस्थाओं में केवल डिग्रियाँ ही प्रदान नहीं की जातीं, बल्कि संस्कार, विचार और जीवन मूल्यों के समग्र विकास को भी समान महत्व दिया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि पूज्य श्री महाराज जी ने यहाँ एक अत्यंत सुव्यवस्थित हेलिपैड का निर्माण कराया है, शहर के मध्य स्थित इस हेलिपैड से आमजन को सुविधा मिलेगी और आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित सहायता भी सुनिश्चित हो सकेगी। साथ ही ये भी अत्यंत हर्ष का विषय है कि विश्वविद्यालय परिसर के समीप एक आधुनिक कैंसर अस्पताल का निर्माण कार्य भी कराया जा रहा है, यह अस्पताल प्रदेश के लोगों को कैंसर जैसे गंभीर रोग से लड़ने में अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत, विधायक श्री विनोद चमोली, श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय की कुलपति श्रीमती कोमल सकलानी, छात्र-छात्राएं  तथा शिक्षक मौजूद रहे।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मॉक ड्रिल की निगरानी

Dehradun:

गृह मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देश पर बुधवार को देहरादून जनपद में नागरिकों की सुरक्षा के दृष्टिगत आयोजित सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल की निगरानी यूएसडीएमए स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र तथा जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से की गई। सचिव गृह श्री शैलेश बगौली, पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ तथा सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मॉक ड्रिल की मॉनीटरिंग की। जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से जिलाधिकारी श्री सविन बंसल और आईआरएस तंत्र के तहत उनकी पूरी टीम राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से वर्चुअली जुड़ी रही।

बुधवार को सायरन बजने के निर्धारित समय से पूर्व सचिव गृह श्री शैलेश बगौली तथा पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे। इस दौरान राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से घटनास्थलों, स्टेजिंग एरिया, इंसीडेंट कमांड पोस्ट तथा रिलीफ सेंटरों को भी जोड़ा गया। सचिव श्री शैलेश बगौली ने मॉक ड्रिल के दौरान विभिन्न घटनाओं के बारे में जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र में उपस्थित जिलाधिकारी श्री सविन बंसल से विस्तारपूर्वक जानकारी ली। उन्होंने पूछा कि किस प्रकार घटना की सूचना प्राप्त होने पर फोर्सेज को रवाना किया गया, किन-किन टीमों को भेजा गया, शेल्टर कहां बनाए गए तथा उनकी क्षमता क्या है, स्टेजिंग एरिया में क्या-क्या व्यवस्थाएं है तथा कौन-कौन से संसाधन है, आईआरएस को कैसे एक्टिवेट किया गया।

इंसिडेंट कमांड पोस्ट की व्यवस्थाओं के बारे में भी उन्होंने विस्तार से पूछा। इस दौरान उन्होंने आईआरएस यानी घटना प्रतिक्रिया प्रणाली के तहत किस अधिकारी की तथा किस विभाग की क्या जिम्मेदारी है, इसके बारे में भी संबंधित अधिकारियों से ही जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आईआरएस एक सशक्त प्रणाली है, जिसके माध्यम से आपदाओं का प्रभावी तरीके से सामना किया जा सकता है, इसलिए यह आवश्यक है कि राज्य स्तर से लेकर जनपद स्तर तथा तहसील स्तर तक आईआरएस के तहत किस विभाग की तथा किस अधिकारी की क्या भूमिका है, इसकी जानकारी सभी को होनी चाहिए।

इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ ने इस दौरान फील्ड पर मौजूद अधिकारियों से रिजर्व संसाधनों तथा उपकरणों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि जब भी एंबुलेंस तथा राहत और बचाव दलों के वाहनों का मूवमेंट हो, उस समय ट्रैफिक की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने निर्देश दिए कि मॉक अभ्यास के दौरान जो भी गैप्स तथा लूपहोल्स रहे हैं, उनको चिन्हित किया जाए तथा डीब्रीफिंग कर उनके बारे में चर्चा कर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि यह कोशिश की जाएगी कि भविष्य में होने वाले मॉक अभ्यासों में इन्हें दूर किया जा सके।

इस दौरान राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से यह भी लगातार सुनिश्चित किया जाता रहा कि घटनास्थल के लिए जिन भी संसाधनों, उपकरणों अथवा सहायता की मांग की जा रही है, वह समय पर पहुंच रही हैं अथवा नहीं। बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन श्री आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, क्रियान्वयन डीआईजी श्री राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, यूएलएमएमसी के निदेशक श्री शांतनु सरकार, श्री मनीष कुमार भगत, श्री रोहित कुमार, डॉ. वेदिका पन्त, डॉ. पूजा राणा, श्री हेमंत बिष्ट, सुश्री तंद्रिला सरकार आदि मौजूद थे।

उत्तराखण्ड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने मुख्यमंत्री का किया आभार व्यक्त

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन, देहरादून में ऊर्जा निगमों के कार्मिकों द्वारा आयोजित ’स्वागत एवं अभिनन्दन’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उत्तराखण्ड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा द्वारा ऊर्जा निगमों के कार्मिकों की विभिन्न समस्याओं के समाधान करने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया गया।

मुख्यमंत्री ने सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस अभिनंदन की असली हकदार उत्तराखंड प्रदेश की जनता है, जिन्होंने प्रदेश की सेवा करने का अवसर दिया। उन्होंने कहा कि ऊर्जा प्रदेश उत्तराखंड की मूल अवधारणा में था। उत्तराखण्ड को पॉवर सरप्लस राज्य बनाने के लिए सबको समन्वय के साथ आगे बढ़ना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा भारत सरकार का राज्य सरकार को हर योजना पर सहयोग मिल रहा है। विद्युत मंत्रालय द्वारा जारी डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी रैंकिंग में यूपीसीएल ने विशेष श्रेणी डिस्कॉम में देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार, उत्तराखण्ड को ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए संकल्पित है। बिजली उत्पादन के लिए लखवाड़ बांध परियोजना, जमरानी बांध बहुउद्देश्यीय परियोजना औऱ देहरादून में आने वाले 50 सालों में पेयजल की समस्याओं को दूर करने के लिए सौंग बांध परियोजना पर कार्य गतिमान है। राज्य में अत्याधुनिक जीआईएस (गैस इंसुलेटेड सबस्टेशन) उपकेंद्रों की स्थापना भी जारी है। उन्होंने कहा राज्य में 16 लाख स्मार्ट मीटर लगाकर टेक्नॉलजी के माध्यम से पारदर्शिता लाने का कार्य किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून शहर की बिजली लाइनें भूमिगत की जा रही हैं। यूपीसीएल द्वारा अत्याधुनिक ओटोमेटेड डिमान्ड रिसपॉन्स सिस्टम के उपयोग से ओवरड्राल की स्थिति पर रियल टाइम पर नियंत्रण कर हर वर्ष करोड़ो रूपये की बचत की है। उन्होंने कहा 2023 में देहरादून में विश्व स्तरीय आपदा प्रबंधन सम्मलेन आयोजित किया गया था। आपदाओं को रोका नहीं जा सकता पर आपदाओं के प्रभाव को कम किया जा सकता राज्य सरकार ने इकोलॉजी और इकोनॉमी में संतुलन वाले विकास के मॉडल को चुना है। इकॉनमी और इकोलॉजी के बीच समन्वय बनाकर ग्रीन एनर्जी के उत्पादन को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के अन्तर्गत लगभग 20,000 रूफटॉप सोलर संयंत्र किए गए स्थापित। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस को  हमने अपने राज्य में भी अपनाना है। राज्य सरकार आने वाले 10 , 25, 50 सालों को देखते हुए भी विकास के मॉडल तैयार कर रही है।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री आर मीनाक्षी सुंदरम, एम.डी यू.जे.वी.एन.एल श्री संदीप सिंघल और उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारी उपस्थित थे।

Innovative Approaches to Managing Parkinson’s Disease: Neurologists Highlight Role of Genetics, Diet and Advanced Therapies

Chandigarh, April 11, 2025: Leading neurologists from Fortis Hospital, Mohali have advocated for a holistic and personalized approach to managing Parkinson’s disease, citing promising developments in genetics, nutrition, and advanced surgical treatments. They also emphasized how genetic testing, millet-based diets, and interventions such as Deep Brain Stimulation (DBS) are transforming patient care and symptom management.

During a press conference on World Parkinson’s Day, the team of doctors including Dr Sudesh Prabhakar, Director of Neurology; Dr Anupam Jindal, Additional Director, Neurosurgery; Dr Nishit Sawal, Senior Consultant, Neurology;and Dr Ravneet Kaur, Associate Consultant, Department of Medical Genetics, deliberated on the causes, symptoms and treatment modalities of Parkinson’s Disease.

Briefing the media, Dr Sudesh Prabhakar, said, “Though the disease is most commonly diagnosed in people above 60 years of age, it can also affect the younger population. Symptoms primarily comprise tremors, rigidity, slowed movement, problems in writing and communication; while the non-motor symptoms include sleep disturbances and depression. Some symptoms might also be associated with severe constipation, one of the initial symptoms of Parkinson’s disease.”

Highlighting the importance of liquid L-dopa formations and millet-based diets in managing Parkinson’s disease, Dr Nishit Sawal, said, “The absorption of L-Dopa, the main drug for Parkinson’s disease, increases manifold if given via LCAS formulation (Liquid carbidopa ascorbic acid solution (LCAS). This is useful, especially in advanced disease when the effect of the tablet decreases and stays for a lesser time, and for those patients who do not want Deep Brain Stimulation surgery. Millet-based diets work by increasing the absorption of L-Dopa, the main drug for Parkinson’s disease, since they have lesser competing amino acids than cereal diets. Freezing of Gait (FOG) is a symptom which neither responds to medicines nor to DBS. Fortis Hospital Mohali has now acquired Deep TMS (Transcranial Magnetic Stimulation) which works to some degree in FOG. Further, MRI-guided focused Ultra Sound Surgery (MRgFUS), despite its huge social media hype, is yet an unproven experimental ablative method.”

Discussing the role of genetics in determining Parkinson’s disease, Dr Ravneet Kaur, said, “Changes (mutations) in specific genes can increase the risk of developing Parkinson’s disease, especially when there is a strong family history. With growing awareness and access to genetic testing, people can now gain insight into their inherited risk of developing the health condition. This is important for health management and family planning.”

Shedding light on treatment modalities of Parkinson’s disease, Dr Anupam Jindal, said, “Surgical treatment of Parkinson’s disease is usually done after the patient has had the diagnosis for at least two years. Two types of treatment procedures are available. The first is Deep Brain Stimulation, which involves inserting two thin electrodes into the brain and connecting them to a battery in the chest. This is a stimulatory procedure, which enhances the functional ability of the patient. This procedure improves tremors, walking ability and also takes care of the side effects produced by the medicines. The second is an ablative or destructive procedure which is called Pallidotomy. This is usually a staged (one-side being done at a time) procedure and does not involve any implants. The other procedure in this category is thalamotomy, which is specifically used only for tremors.”

मुख्यमंत्री ने किया माणा पास स्थित घटना स्थल का हवाई निरीक्षण

Chamoli: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रातः 10ः30 बजे करीब ज्योर्तिमठ पहुंचे। उन्होंने रेस्क्यू अभियान का जायजा लिया और एवलांच की चपेट में आए घायलों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना। इसके बाद उन्होंने जिलाधिकारी से रेस्क्यू अभियान की जानकारी ली। प्रात 11 बजे मुख्यमंत्री ने घटना स्थल का हवाई निरीक्षण किया।
        मुख्यमंत्री ने कहा कि 55 में से 47 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। बाकी 8 लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चल रहा है। जो लोग रेस्क्यू किए गए हैं उनको जोशीमठ लाया जा रहा है। सभी का उपचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने घायलों को हर संभव सहायता देने की बात कही है।
        मुख्यमंत्री ने आर्मी हास्पिटल में उपचारधीन मजदूरों से मुलाकात कर हालचाल जाना। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि खोज बचाव कार्य में किसी प्रकार आवश्यक संसाधनों की कमी न रहे जो भी आवश्यकताएं हैं उनको समय से चिन्हित किया जाए।
        जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने माननीय मुख्यमंत्री को जानकारी देते हुए बताया कि कल 6 बजे करीब माणा पास के निकट हिमस्खलन हुआ। वहीं पर बीआरओ के 57 मजदूर कंटेनरों में रहते थे जिनमें से 2 मजदूर छुट्टी पर थे। 55 मजदूरों में से आईटीबीपी, सेना ने तेजी से खोजबीन करते हुए अब तक 47 लोगों को सकुशल रेस्क्यू कर लिया है। केन्द्र सरकार व राज्य सरकार की ओर से 04 हेलीकॉप्टर भेजे गए हैं। जिनकी मदद से अभी तक 25 मजदूरों को ज्योर्तिमठ लाया गया है जिनमें से 4 मजदूरों को गंभीर चोटें आयीं हैं। उनका आर्मी अस्पताल में वरिष्ठ चिकित्सकों की देखरेख में इलाज चल रहा है।
        साथ ही उन्होंने बताया कि केन्द्र व राज्य सरकार से पूरी मदद मुहैया की जा रही है। जिलाधिकारी ने आईटीबीपी और आर्मी द्वारा किए गए रेस्क्यू अभियान की प्रशंसा की। कहा कि एनडीआरएफ 28 सदस्यीय टीम भी घटना स्थल पर पहुंच चुकी है। उन्हें काफी अनुभव है  जिस तरह रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है बाकि मजदूरों को जल्द रेस्क्यू किया जाएगा।
         इस दौरान पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार, अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश, एसडीएम चन्द्रशेखर वशिष्ठ व एसीएमओ एमएस खाती मौजूद रहे।

50 श्रमिकों का रेस्क्यू, मुख्यमंत्री ने किया घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण

Dehradun:

उत्तराखण्ड सरकार

मा.मुख्यमंत्री प्रेस सूचना ब्यूरो

(सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग)

सचिवालय परिसर, सुभाष रोड, देहरादून

देहरादून 01 मार्च, 2025

प्रेस नोट-02 (03/02)

  • 50 श्रमिकों का रेस्क्यू, मा0 मुख्यमंत्री ने किया घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण
  • मा0 प्रधानमंत्री ने फोन पर मुख्यमंत्री से की बात, हर संभव मदद का भरोसा दिया
  • 05 श्रमिकों की तलाश के लिए युद्धस्तर पर जारी है अभियान
  • दिल्ली से जीपीआर रडार मंगवाई, कंटेनरों को ढूंढने में मिलेगी मदद  

माणा के पास हिमस्खलन की चपेट में आए 17 अन्य श्रमिकों का शनिवार सुबह रेस्क्यू कर लिया गया है। उन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार चल रहा है। अब तक कुल 50 श्रमिकों का रेस्क्यू किया जा चुका है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं इस रेस्क्यू अभियान की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। शनिवार को सुबह माननीय मुख्यमंत्री ने घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण किया और ज्योतिर्मठ में राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। माननीय मुख्यमंत्री ने बताया कि 05 श्रमिकों की खोजबीन के लिए युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान संचालित किया जा रहा है।

शनिवार को घटनास्थल का निरीक्षण कर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी सीधे यूएसडीएमए स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रेस्क्यू अभियान को लेकर चर्चा की। उन्होंने बताया कि राहत और बचाव दलों ने सराहनीय कार्य करते हुए अब तक 50 लोगों का रेस्क्यू कर लिया है। हिमस्खलन में फंसे 05 और श्रमिकों की खोजबीन के लिए युद्धस्तर पर अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर रेस्क्यू अभियान को लेकर अपडेट लिया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री श्री अमित शाह और रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह भी श्रमिकों की सुरक्षित निकासी के लिए चिंतित हैं और नियमित अपडेट ले रहे हैं। उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे सहयोग के लिए माननीय प्रधानमंत्री, मा0 गृह मंत्री तथा मा0 रक्षा मंत्री जी का आभार जताया।

उन्होंने बताया कि 05 कंटेनरों को ट्रेस कर श्रमिकों को सुरक्षित निकालने में राहत और बचाव दलों को सफलता मिली है। अत्यधिक बर्फ होने के कारण 03 कंटेनर ट्रेस नहीं हो पा रहे हैं। आर्मी, आईटीबीपी द्वारा इन कंटेनरों का पता लगाने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। कंटेनरों की तलाश के लिए आर्मी के स्निफर डाग्स की तैनाती की गई है। आर्मी की 03 टीमों द्वारा सघन पेट्रोलिंग की जा रही है। दिल्ली से सेना की जीपीआर रडार ;ग्राउण्ड पेनीट्रेशन रडारद्ध मंगवाई गई है, जो बर्फ के अंदर कंटेनरों को ट्रेस करने में मदद करेगी।

उन्होंने बताया कि घायल श्रमिकों के इलाज के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। माणा और ज्योतिर्मठ में सेना के अस्पताल में घायल श्रमिकों का उपचार किया जा रहा है। एम्स ऋषिकेश और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के साथ ही स्थानीय सीएचसी और पीएचसी को एलर्ट पर रखा गया है। इस अवसर पर सलाहकार समिति, आपदा प्रबन्धन विभाग के उपाध्यक्ष श्री विनय कुमार रुहेला, डीजीपी श्री दीपम सेठ, प्रमुख सचिव श्री आरके सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगौली, सचिव श्री पंकज कुमार पाण्डेय, आयुक्त गढ़वाल श्री विनय शंकर पाण्डेय, सचिव आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन, जीओसी उत्तराखण्ड सब-एरिया मेजर जनरल प्रेम राज, आईटीबीपी के आईजी श्री संजय गुंज्याल, आईजी एसडीआरएफ श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल, पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र श्री राजीव स्वरूप, यूएसडीएमए के एसीईओ क्रियान्वयन डीआईजी श्री राजकुमार नेगी, वित्त नियंत्रक श्री अभिषेक आनंद, जेसीईओ मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी आदि मौजूद थे।

सड़क निर्माण के कार्य कर रहे श्रमिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजें-सीएम
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उन्होंने शनिवार सुबह बदरीनाथ क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने बताया कि वहां पर अत्यधिक बर्फबारी हो रही है तथा 06 से 07 फीट तक बर्फ जमा है। उन्होंने आने वाले दिनों में हिमस्खलन की संभावना के दृष्टिगत जिन स्थानों में श्रमिक कार्य कर रहे हैं, वहां से उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास को एवलांच की संभावनाओं के दृष्टिगत एडवाइजरी जारी करने को कहा।

जल्द बहाल की जाए संचार व्यवस्था-मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए कि भारी बर्फबारी के कारण जिन गांवों से सम्पर्क नहीं हो पा रहा है, उनसे तुरंत सम्पर्क किया जाए। प्रशासन की टीम को वहां भेजा जाए और उन्हें जिन चीजों की आवश्यकता हो, तुरंत भेजी जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि वहां राशन, दवाइयों के साथ ही अन्य जरूरी सामग्रियों की उपलब्धता है। उन्होंने बदरीनाथ क्षेत्र में संचार व्यवस्था, फोन तथा इंटरनेट को तुरंत बहाल करने और जिन क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बाधित हो गई है, वहां सेटेलाइट फोन भेजने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने जिन गांवों में बिजली बाधित है, वहां जल्द विद्युत व्यवस्था को बहाल करने के निर्देश दिए हैं।

औली के रिसोर्ट में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजें
अत्यधिक बर्फबारी के कारण हिमस्खलन की संभावनाओं के मद्देनजर औली, हर्षिल आदि अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों के विभिन्न रिसार्ट में रह रहे सैलानियों को सुरक्षा के दृष्टिगत सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाएगा। माननीय मुख्यमंत्री ने सैलानियों से अगले तीन दिन इन क्षेत्रों में यात्रा न करने की अपील की है। साथ ही स्थानीय प्रशासन को सुरक्षा के दृष्टिगत सभी जरूरी एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं।

अलकनंदा में पानी जम रहा, मा0 मुख्यमंत्री ने रेकी के निर्देश दिए
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि हवाई सर्वेक्षण के दौरान उन्हें यह आभास हुआ कि भारी बर्फबारी के कारण अलकनंदा नदी जम सी गई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि रेकी कर इसकी जांच की जाए कि कहीं इससे कोई खतरा तो नहीं हैघ् उन्होंने विशेषज्ञ संस्थानों को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने तथा यदि कोई खतरे की स्थिति हो तो तुरंत सुरक्षात्मक कदम उठाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने एरियर सर्वे, मैनुअल सर्वे तथा सेटेलाइट सर्वे कर जल्द रिपोर्ट देने को कहा है।

रेस्क्यू अभियान की स्वयं निगरानी कर रहे मा0 मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी विगत दिवस से लगातार रेस्क्यू अभियान की स्वयं निगरानी कर रहे हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। दिनांक 28 फरवरी 2025 को दो बार माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र का भ्रमण किया गया। शुक्रवार रात को भी मा0 मुख्यमंत्री ने कंट्रोल रूम पहुंचकर इस पूरे अभियान की समीक्षा की। वहीं शनिवार को घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण करने के उपरांत मा0 मुख्यमंत्री सीधे कंट्रोल रूम पहुंचे और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की।

संचार व्यवस्था क्यू.डी.ए से की जा सकती है बहाल-रिद्धिम
बैठक में आईजी एसडीआरएफ श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि जिन स्थानों में संचार सेवाएं बाधित हो गई हैं, वहां क्यू.डी.ए ;क्विक डिप्लायमेंट एंटीनाद्ध स्थापित कर संचार व्यवस्था को बहाल किया जा सकता है। मा0 मुख्यमंत्री ने इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश दिए। श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि एसडीआरएफ द्वारा बर्फ के कारण अवरुद्ध मार्गों को खोलने का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है।

युद्धस्तर पर संचालित है रेस्क्यू अभियान, कंट्रोल रूम से हो रही मॉनीटरिंग
आज दिनांक 01 मार्च 2025 को वायु सेवा का एक एम.आई.-17 हेलीकॉप्टर, तीन चीता हेलीकॉप्टर, उत्तराखण्ड सरकार के 02 हेलीकॉप्टर, एम्स ऋषिकेश से एक एयर एंबुलेंस राहत एवं बचाव कार्य में लगाए गए हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी ने आवश्यकता पड़ने पर और अधिक हेलीकॉप्टर लगाए जाने के निर्देश दिए हैं। शनिवार को दोपहर 03 बजे तक माणा/बद्रीनाथ से रेस्क्यू किये गये लोगों में से 29 लोगों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से जोशीमठ लाया गया, जिनका उपचार आर्मी हॉस्पिटल में किया जा रहा है।

राहत एवं बचाव कार्य में बद्रीनाथ में लगभग 200 लोग कार्य कर रहे हैं। इनमें आपदा प्रबंधन सेना, आइ.टी.बी.पी. बी0आर0ओ0, एन0डी0आर0एफ, एस0डी0आर0एफ, जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, वायु सेवा यूकाड़ा, अग्निशमन विभाग, खाद्य विभाग, द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है।माणा स्थित आर्मी बेस कैम्प के पास आर्मी हैलीपैड़ को तैयार कर लिया गया है। बद्रीनाथ स्थित आर्मी हैलीपैड़ पर 6-7 फीट बर्फ है जिसे हटाये जाने की कार्यवाही की जा रही है। बद्रीनाथ के पास बर्फबारी के कारण अभी भी 5-6 कि0मी0 रास्ता बंद है, जिसे खोलने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है।  

मा0 मुख्यमंत्री जी के निर्देशन में आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सभी के साथ समुचित समन्वय किया जा रहा है। लगातार राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के माध्यम से नियमित तौर पर पूरे घटनाक्रम पर नजर रखी जा रही है तथा सभी विभागों के आपसी समन्वय से युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है। लामबगड़ से आगे कई स्थानों पर रास्ता बंद होने के कारण रैस्क्यू टीमों को घटना स्थल पर जाने में परेशानी हो रही है।

मा0 मुख्यमंत्री जी के प्रभावी नेतृत्व, कुशल मार्गदर्शन एवं प्रबन्धन में सभी विभाग पूरी निष्ठा, समर्पण तथा प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं। राहत टीमें पूरे उत्साह के साथ ग्राउंड जीरो पर राहत और बचाव कार्यों को संचालित कर रही हैं।

55 में से 50 मजदूरों का रेस्क्यू किया गया 

चमोली 01 मार्च 2025  
        जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि अभी तक 55 में से 50 मजदूरों का रेस्क्यू किया गया है जिसमें 04 गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। वहीं 05 मजदूर अभी भी मिसिंग हैं जिनकी खोजबीन आईटीबीपी, आर्मी, एनडीआरएफ की संयुक्त टीम द्वारा की जा रही है। आशा करते हैं कि जल्दी वो 05 लोग मिल जाएंगे। रेस्क्यू किए गए 50 मजदूरों में से 24 मजदूरों को हैली से ज्योर्तिमठ लाया गया है। जिनका आर्मी हास्पिटल के वरिष्ठ चिकित्सकों की देखरेख में इलाज चल रहा है। बाकी मजदूरों का बद्रीनाथ आर्मी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। बताया कि अभी बद्रीनाथ हेलीपैड में बर्फ हटाने का काम चल रहा है। कल सुबह हेलीपैड की बर्फ साफ होने के बाद बाकी मजदूरों को भी ज्योर्तिमठ लाया जाएगा।
       जिलाधिकारी ने आर्मी हास्पिटल में घायलों से मिलकर उनका हालचाल जाना। वहीं आर्मी हास्पिटल में गम्भीर रूप से घायल 01 मजदूर अशोक पुत्र जीवन राम, बेरीनाग पिथौरागढ़ को इलाज के लिए एयर एम्बुलेंस से एम्स ऋषिकेश भेजा गया है।