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Holistic Education and Industry Linkages: Key to Viksit Bharat @ 2047: Prof Devinder Singh

Srinagar Garhwal: At the inaugural session of a faculty development program, Prof. Devinder Singh, Vice-Chancellor of Dr. B.R.A. National Law University, Sonipat, called for a fundamental shift in the education system to achieve the vision of a “Viksit Bharat.” He emphasized the urgent need for a holistic and student-centric education system that moves beyond traditional methods.
In his address, Prof. Singh advocated for a clear policy to swiftly integrate underutilized qualified human resources into the formal education system at the earliest.

He stressed that this would be crucial for contributions to building a “Vishwa Guru Viksit Bharat.” Furthermore, he highlighted the importance of strengthening academia-industry linkages to ensure that educational curricula are aligned with the needs of the industry, thereby better preparing graduates for the workforce. He was stating this at the inaugural session of short-term Faculty Development Program (FDP) on the “Role of Higher Education in Viksit Bharat” today organized by Malaviya Mission Teacher Training Centre (MMTTC) of H.N.B. Garhwal University, Srinagar Garhwal, Uttarakhand. In this program more than 100 higher education faculty participants from 17 different states will be trained for a week.
In his message, the Hon’ble Vice-Chancellor of H.N.B. Garhwal University, Prof Prakash Singh, lauded the MMTTC team for its continuous efforts in organizing such programs. Dr. Rahul Kunwar Singh, the Officiating Director of the MMTTC, welcomed the attendees and highlighted the evolving role of higher education. He noted that universities and colleges are now responsible for developing “responsible, ethical, and globally competent individuals who will lead Bharat towards inclusive and sustainable growth,” going beyond merely producing employable graduates.
The session’s proceedings included an overview of the program by Dr. Hiranmoy Roy, the Course Coordinator. The coordination of the session was handled by Dr. Kavita Bhatt, the Program Executive, while Dr. Amar Jeet Singh, an Assistant Director, introduced the guests. The inaugural session concluded with a vote of thanks proposed by Dr. Somesh Thapliyal, also an Assistant Director of the Centre.

जबरन धर्मान्तरण व डेमोग्राफ़िक चेंज पर हमारी सरकार के प्रयासों के साथ जन सहयोग  एवं कानूनी रूप से शिकायत हेतु जन जागरूकता भी आवश्यक: सीएम धामी

Dehradun:

सीएम धामी ने कहा कि जबरन धर्मान्तरण व डेमोग्राफ़िक चेंज पर हमारी सरकार के प्रयासों के साथ जन सहयोग एवं कानूनी रूप से शिकायत हेतु जन जागरूकता भी आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने सख्त दंगा विरोधी कानून लागू करने के साथ, भूमि अतिक्रमण के खिलाफ कड़ी कार्यवाही व यूसीसी जैसा साहसिक कदम उठाये लेकिन सरकार के इन साहसिक प्रयासों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु व्यापक जनसहयोग की अपेक्षा है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गढ़ी कैंट, देहरादून में आयोजित “ विकसित भारत @2047 सामूहिक संवाद- पूर्व सैनिकों के साथ“ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य के सम्रग विकास के लिए उपस्थित भूतपूर्व सैनिकों से बातचीत की एवं उनके सुझाव लिये।

राष्ट्र-प्रहरी  के साथ पर्यावरण  प्रहरी भी बने भूतपूर्व सैनिक- मुख्यमंत्री’

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन विभाग को हर डिवीज़न मे 1000 पेड़ लगाने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ समय पूर्व  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश में ‘’एक पेड़ अपनी मां के नाम’’ अभियान की शुरुआत की है। आज के इस अवसर पर मैं, आप सभी से इस अभियान में भागेदारी निभाने का आह्वान करता हूं क्योंकि आप सभी राष्ट्र-प्रहरी होने के साथ – साथ हमारे पर्यावरण के भी रक्षक हैं। आप जहां भी पेड़ लगाएंगे उसके फलने फूलने की गारंटी भी सदा रहेगी, क्योंकि आप एक सैनिक होने के नाते हमेशा उसका ख्याल भी रखेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में गत दो माह में आने वाले पर्यटकों की संख्या 38 लाख से अधिक हो गई हैं। प्रधानमंत्री जी के प्रयासों व सहयोग से राज्य में शीतकालीन यात्रा एवं आदि कैलाश यात्रा को नई गति मिली है। राज्य में बेरोजगारी दर 4.2 से कम हो गई है जो राष्ट्रीय औसत से कम है। मानसरोवर यात्रा का समय 7 दिन कम हो चुका है।

सैनिको एवं उनके परिजनों के हित हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता- मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम में उपस्थित समस्त पूर्व सैनिकों का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए कहा कि सैनिको ने वीरता, शौर्य और समर्पण के साथ देश की रक्षा करते हुए अपने जीवन का महत्वपूर्ण कालखंड बिताया है। सैनिको ने कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कच्छ से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक हर मोर्चे पर तिरंगे के गौरव और मान को बढ़ाने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रदेश देवभूमि के साथ साथ वीरभूमि भी है, क्योंकि हमारे प्रदेश का लगभग हर परिवार सेना से जुड़ा हुआ है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि हमारे वीर सपूतों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने में कभी कोई कसर नहीं छोड़ी।

सैनिक परिवार से होने के कारण पूर्व सैनिकों एवं उनके परिवार की समस्याओं और चुनौतियों को नजदीक से देखा – सीएम धामी

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मैं, स्वयं भी एक फौजी का बेटा हूं ,मैंने पूर्व सैनिकों एवं उनके परिवार की समस्याओं और चुनौतियों को नजदीक से देखा और समझा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके हृदय में हमेशा शहीदों और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदनशीलता और समर्पण का भाव रहता है। इसलिए हमने ये प्रयास किया है कि यही भाव हमारी सरकार के काम में भी दिखे।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, ले ज (से नि)  ए के सिंह, मे ज (से नि) के एस राणा, क. बीरेंद्र सिंह राणा, ब्रि. नितेश बिष्ट व बड़ी संख्या में भूतपूर्व सैनिक मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने किया 550 करोड़ की योजनाओं लोकार्पण एवं शिलान्यास

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को ऋषिकुल मैदान हरिद्वार में आयोजित विकास संकल्प पर्व में प्रतिभाग कर 550 करोड़ की 107 विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लालढांग में सिंचाई सुविधा हेतु झील का निर्माण, लालढांग पीएचसी का उच्चीकरण कर सीएचसी बनाए जाने, भगवानपुर से इकबालपुर तक सड़क का चौड़ीकरण, भगवानपुर से सिकरौदा तक सड़क निर्माण, निरंजनपुर में डिग्री कालेज का निर्माण किए जाने, मुबारकपुर-अलीपुर में हाईस्कूल का उच्चीकरण किए जाने, मोहम्मदपुर जटगांव में रजवाहे के दोनों ओर पटरी पर सीसी सड़क का निर्माण किए जाने, विधान सभा झबरेड़ा के अन्तर्गत रुड़की नगर निगम वार्ड न0 22 व 23 में पानी निकासी व सड़क निर्माण किए जाने, खानपुर में ढाडेकी के सौलानी नदी पर पुल निर्माण किए जाने, गिद्धावाली में गंगा नदी घाट पर पुल निर्माण, नागड पलोनी से रांगढ वाला होते हुए भगवानपुर के पास तक मोटर रोड का निर्माण, मेवड नागड के शमशान घाट में बाउण्डरी वाल निर्माण किए जाने के साथ, मोहम्मदपुर पाण्डा के अन्तर्गत बाउण्डरी वाल निर्माण किए जाने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री द्वारा एनआरएलएम के अन्तर्गत लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह को 2 लाख रूपये, उद्यान विभाग द्वारा दरम्यान सिंह को 50 हजार रूपये, ग्रामोत्थान परियोजनान्तर्गत उजाला सीएलएफ को 21 लाख रूपये, आस्था सीएलएफ को 6 लाख रूपये, मत्स्य विभाग द्वारा अजीत कौर को 4 लाख 20 हजार रूपये, कृषि विभाग द्वारा तरुण सिंह अध्यक्ष वर्क कृषि उत्पादन एवं विपणन स्वयं सहायता समूह को 10 लाख, पशुपालन विभाग द्वारा मीनाक्षी देवी को 30 लाख रूपये, बाल विकास विभाग द्वारा चंचल तोमर को 51 हजार रूपये, सहकारिता विभाग द्वारा आकाश कश्यप को 1 लाख 60 हजार रूपये प्रदान करने के साथ ही सुश्री मीना को पीएम आवास योजनान्तर्गत आवास की चाबी सौंपी गई।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि क्षेत्र के विकास हेतु की गई ये सभी घोषणाएं, लोकार्पण, शिलान्यास की परियोजनाएँ न केवल हरिद्वार जनपद में आधारभूत सुविधाओं को सशक्त बनाने में सहायक सिद्ध होंगी, बल्कि नागरिकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही क्षेत्र के विकास को भी नई गति प्रदान करेंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन विशेष है क्योंकि आज ही के दिन 04 जुलाई 2021 को उन्हें देवभूमि उत्तराखण्ड की सेवा करने का मौका दिया गया था। उन्होंने कहा कि वे सबसे पहले मां गंगा का आशीर्वाद लेकर जनमानस के बीच आए हैं। उन्होंने कहा कि वे आज प्रदेश के समग्र विकास और जन आकांक्षाओं को पूरा करने के अपने “विकल्प रहित संकल्प” को पूर्ण करने की इस यात्रा के सफल चार वर्ष पूर्ण कर रहे हैं। उन्होंने सफल चार वर्ष पूर्ण होने पर देवभूमि उत्तराखंड की समस्त देवतुल्य जनता कस हृदयतल से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जनता द्वारा जताये गए भरोसे के बल पर ही वे आज उत्तराखंड के मुख्य सेवक के रूप में प्रदेश की सेवा कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता का प्रेम ही है जो उन्हें प्रत्येक दिन प्रदेश के विकास और समाज की प्रगति हेतु समर्पित भाव से कार्य करने की ऊर्जा प्रदान करता है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से प्रेरणा लेकर गांवों से लेकर शहरों तक, किसानों से लेकर युवाओं तक, मातृशक्ति से लेकर श्रमशक्ति तक, व्यापारियों से लेकर कमचारियों तक प्रत्येक क्षेत्र और वर्ग के कल्याण के लिए कई नई योजनाएं बनाईं हैं और उन्हें धरातल पर भी उतारा है। होम स्टे योजना, लखपति दीदी योजना और सौर स्वरोजगार योजना जैसी अनेकों योजनाएं लागू कर स्वरोजगार को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसका परिणाम है कि नीति आयोग द्वारा जारी सतत् विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के इंडेक्स में हमारे उत्तराखंड को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की बेरोजगारी दर में रिकॉर्ड 4.4 प्रतिशत की कमी लाकर राष्ट्रीय औसत को भी पीछे छोड़ने का काम किया है।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ ही ‘मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना‘, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना, मुख्यमंत्री आँचल अमृत योजना और पोषण अभियान जैसी योजनाएं प्रारंभ की हैं।

उन्होंने कहा कि हरिद्वार जनपद में भी अनेकों विकास परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। धर्मनगरी हरिद्वार को भी काशी विश्वनाथ एवं उज्जैन महाकाल कॉरिडोर की भांति भव्य और दिव्य रूप देने के लिए हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। हरिद्वार में हेली सेवाओं के लिए हेलीपोर्ट का निर्माण करने के साथ ही नगर को जाम की समस्या से मुक्ति दिलाने हेतु पॉड टैक्सी के संचालन की कार्ययोजना भी तैयार की जा रही है। हरकी पैड़ी से मां चंडी देवी और मां मनसा देवी तक रोपवे के निर्माण को हरी झंडी देना हो या लालढ़ांग की बरसाती नदी में पुल के निर्माण के साथ ही झूला पुल बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम देवनगरी हरिद्वार को विश्वस्तरीय नगरी बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि देवनगरी हरिद्वार  के लिए कावड़ यात्रा और कुंभ का आयोजन अत्यंत महत्वपूर्ण आयोजन है। कांवड़ यात्रा और वर्ष 2027 में होने वाला कुंभ का आयोजन भव्य,दिव्य,सुरक्षित और ऐतिहासिक हो। इसके लिए हम सभी जरूरी इंतजाम करने के लिए संकल्पित हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य के समग्र विकास के साथ-साथ अपने सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने हेतु भी हम पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है। हमने प्रदेश में एक ओर जहां धर्मांतरण विरोधी और सख्त दंगारोधी कानूनों को लागू किया है वहीं अतिक्रमणकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लागू कर सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून की स्थापना की है। वहीं, युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों पर अंकुश लगाने हेतु प्रदेश में सख्त नकल विरोधी कानून भी लागू किया है, जिसके परिणामस्वरूप आज राज्य के 23 हजार से अधिक युवाओं को बिना किसी नकल के सरकारी नौकरी प्राप्त करने में सफलता प्राप्त हुई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य से भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए ‘’ज़ीरो टॉलरेंस’’ की नीति के साथ संकल्पित होकर कार्य कर रहे हैं। पिछले साढ़े तीन वर्षों में भ्रष्टाचार में लिप्त 200 से अधिक लोगों को जेल की सलाखों के पीछे पहुँचाने का काम भी किया है। मुख्यमंत्री ने मां गंगा के तट से स्पष्ट सन्देश दिया कि भ्रष्टाचारी जेल जाने के लिए तैयार रहें।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देश के साथ-साथ उत्तराखंड भी स्पष्ट नीति एवं विजन के साथ आगे बढ़ रहा है, जहां ‘विकास’ प्राथमिकता है, ‘ईमानदारी’ पहचान है, और ‘सेवा’ संकल्प है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार देवभूमि उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने ’‘विकल्प रहित संकल्प’’ के साथ निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी के सहयोग से उत्तराखण्ड़ को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का हमारा संकल्प अवश्य सिद्ध होगा।

इस अवसर पर राज्यसभा सांसद एवं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, सांसद कल्पना सैनी, डॉ.नरेश बंसल, विधायक मदन कौशिक, आदेश चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा भी जनता को सम्बोधित करते हुए अपने-अपने विचार व्यक्त किये गये।

इस अवसर पर पशुपालन, रेशम, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास, डेदृएनयूएलएम, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, कृषि, उद्योग, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण आदि विभागों द्वारा स्टॉल लगाकर अपने-अपने विभाग से सम्बन्धित योजनाओं की जानकारी दी गई।

कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, मेयर किरण जेसल, अनीता अग्रवाल, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, उपाध्यक्ष राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण विनय रोहेला, दर्जा राज्य मंत्री ओम प्रकाश जमदग्नि, शोभाराम प्रजापति, सुनील सैनी, श्यामवीर सैनी, जयपाल सिंह चौहान, देशराज कर्णवाल, शादाब शम्स, बीजेपी जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा, मधु सिंह, महामंत्री आशु चौधरी, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल, सहित अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखण्ड सूचना कर्मचारी संघ की नई कार्यकारिणी का हुआ शपथ ग्रहण

शनिवार को रिंग रोड स्थित सूचना भवन में उत्तराखण्ड सूचना कर्मचारी संघ की नई कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हुआ। कार्यक्रम में महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। श्री तिवारी द्वारा नवनिर्वाचित संघ के पदाधिकारियों का शपथ दिलाई गई।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सूचना महानिदेशक श्री तिवारी ने कहा कि कार्मिक हितों का शीघ्र समाधान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सूचना विभाग का कार्य सरकार की नीतियों व योजनाओं का जनहित में व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करना  है। सभी कार्मिक अपने दायित्वों का पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निर्वहन करे। संघ द्वारा रखी गई मांगों का शीघ्र समाधान किया जायेगा। कार्मिकों के लिए विशेष रूप से स्वास्थ्य शिविर आयोजित किये जायेंगे।

इस अवसर पर अपर निदेशक श्री आशिष कुमार त्रिपाठी ने संघ की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि विगत समय में भी संघ द्वारा रखी गई मांगों का प्राथमिकता पर समाधान किया गया है।

संघ के नव निर्वाचित अध्यक्ष श्री कैलाश रावत ने कहा कि संघ का प्रयास होगा कि कार्मिकों के हितों को शीघ्र समाधान कराया जा सके। इसके लिए अधिकारियों से निरंतर संवाद किया जायेगा। उन्होंने कहा कि आगामी समय में संघ का जनपद स्तर तक विस्तार किया जायेगा। संघ के महामंत्री श्री अंकित कुमार ने कहा कि संघ का उद्देश्य रहेगा कि कार्मिकों के हितां का शीघ्र समाधान हो।

इस अवसर पर संयुक्त निदेशक के.एस.चौहान, डॉ. नितिन उपाध्याय, वरिश्ठ वित्त अधिकारी श्रीमती शशि सिंह, उप निदेशक, मनोज कुमार श्रीवास्तव, रवि बिजारनिया सहायक निदेशक एल.पी.भट्ट, पूर्व अध्यक्ष रणजीत सिंह बुदियाल, पूर्व महामंत्री के.एस.पंवार एवं सुरेश चन्द्र भट्ट सहित समस्त विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।

कार्यक्रम में अध्यक्ष पद पर श्री कैलाश रावत, उपाध्यक्ष पद पर संयुक्त रूप से श्री प्रशांत रावत, श्री संजय कुमार, महामंत्री पद पर श्री अंकित कुमार, संयुक्त मंत्री पद पर श्रीमती पारूल, कोषाध्यक्ष पद पर श्री राकेश कुमार धीवान, संगठन मंत्री पद पर श्री सत्येंन्द्र बिजल्वाण, संयोजक/ऑडिटर पद पर श्री अरूण कुमार, प्रचार मंत्री पद पर श्री बहादुर सिंह कन्याल, कार्यकारिणी सदस्य के रूप में श्री बालम सिंह नगरकोटी, पप्पू चौहान, आरती गुणवंत, चन्द्र बल्लभ, माधुरी सेमल्टी, भरत रावत, गोपाल बिष्ट, विजय रावत द्वारा शपथ ग्रहण की गई।

बाढ़ से निपटने के लिए जनपद पूरी तरह तैयार

माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में राज्य के मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ का प्रभावी तरीके से सामना करने तथा जल भराव की स्थितियों से कारगर तरीके से निपटने के लिए 30 जून को प्रस्तावित मॉक ड्रिल की तैयारियों को शनिवार को अंतिम रूप दिया। मॉक ड्रिल को लेकर जनपदों की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए शनिवार को उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में टेबल टॉप एक्सरसाइज आयोजित की गई। इस दौरान जनपदों में जिन परिदृश्यों पर मॉक ड्रिल की जानी है, उन पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई तथा मॉक ड्रिल के सफल संचालन हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।

इस अवसर पर सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने कहा कि इस वर्ष मौसम विभाग द्वारा सामान्य से अधिक बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है। अत्यधिक बारिश होने के कारण राज्य के मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ तथा जलभराव जैसी समस्याओं से प्रभावी तरीके से निपटने, विभिन्न रेखीय विभागों के बीच समन्वय को बेहतर बनाने, उपकरणों तथा संसाधनों का आपदा के समय बेहतर से बेहतर उपयोग करने तथा वास्तविक आपदा के समय राहत और बचाव कार्यों को प्रभावी तरीके से संचालित करने के लिए इस मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की आपदा का सामना करने के लिए सबसे जरूरी है, आपदा पूर्व तैयारी। जितनी अच्छी तैयारी होगी, उतने ही बेहतर ढंग से आपदाओं का सामना किया जा सकेगा। मॉक ड्रिल का उद्देश्य विभिन्न गैप्स का पता लगाना तथा उनका समाधान करना, आपदा के समय त्वरित निर्णय लेने की क्षमताओं में वृद्धि करना, बाढ़ से निपटने के लिए विभिन्न विभागों की तैयारियों की समीक्षा करना है। उन्होंने कहा कि आपदा के समय कोई भी विभाग अकेले कार्य नहीं कर सकता। सभी को एक-दूसरे के सहयोग की जरूरत होती है, तभी आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।

यूएसडीएमए के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी-क्रियान्वयन डीआईजी श्री राजकुमार नेगी ने मॉक ड्रिल के लिए क्या-क्या तैयारियां करनी हैं, इसके बारे में विस्तार से जनपदों को बताया। इस अवसर पर अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन श्री आनंद स्वरूप, अपर सचिव श्री विनीत कुमार, संयुक्त सचिव एनएस डुंगरियाल, ड्यूटी ऑफिसर श्री विजय कुमार, अनु सचिव ज्योतिर्मय त्रिपाठी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, एसडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट श्री शुभांक रतूड़ी, संयुक्त सचिव ज्योतिर्मय त्रिपाठी, एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट राजू एस धपोला, अनु सचिव मिनी जोशी, डॉ. बिमलेश जोशी आदि मौजूद रहे।

आईआरएस के लिए प्रदेशभर में लगेंगे प्रशिक्षण शिविर
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि उत्तराखण्ड में 09 जून को आईआरएस यानी घटना प्रतिक्रिया प्रणाली की अधिसूचना जारी कर दी गई है। बाढ़ प्रबंधन को लेकर आयोजित की जा रही यह मॉक ड्रिल आईआरएस प्रणाली के तहत होगी। उन्होंने बताया कि आईआरएस में सभी विभागों और अधिकारियों की भूमिका तथा दायित्वों का स्पष्ट निर्धारण किया गया है, ताकि किसी भी अधिकारी को आपदा के दौरान अपने दायित्वों तथा कर्तव्यों को लेकर भ्रम की स्थिति न रहे। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड में राज्य स्तरीय आईआरएस प्रणाली के साथ ही जनपद व तहसील स्तर पर आईआरएस को अधिसूचित किया गया है। अधिकारियों को आईआरएस के बारे में बताने के लिए राज्य, जनपद व तहसील स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

टाक्स फोर्स का किया जाएगा गठन
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने कहा कि मानसून अवधि में सभी जनपदों को तहसील स्तर पर टाक्स फोर्स गठित करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ और जलभराव की स्थिति में प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द मदद मिल सके, इसके लिए आवश्यक है कि अलग-अलग कार्यों को करने के लिए अलग-अलग टीमें गठित हों। उन्होंने कहा कि आपदा के उपरांत लोगों को त्वरित गति से अहेतुक सहायता वितरित करने, क्षति का आकलन करने, पुनर्निर्माण और पुनर्प्राप्ति के कार्यों को सुगमता से संचालित करने के लिए टास्क फोर्स का गठन करने को कहा गया है।

परिदृश्यों पर विस्तार से हुई चर्चा
टेबल टॉप एक्सरसाइज के दौरान बाढ़ व जलभराव से संबंधित विभिन्न परिदृश्यों पर विस्तार से चर्चा की गई। हरिद्वार में कांवड़ यात्रा के दौरान भगदड़ और नदी में डूबने, कलसिया में तटबंध टूटने, बाणगंगा में अतिवृष्टि से जलभराव, सोलानी नदी के जलस्तर में वृद्धि विभिन्न क्षेत्रों में जलभराव के परिदृश्यों पर मॉक अभ्यास होगा। जनपद ऊधमसिंह नगर में बैगूल नदी से स्कूल में जलभराव तथा बच्चों का रेस्क्यू, तथा मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं से प्रभावी तरीके से निपटने का अभ्यास किया जाएगा। इसी तरह नैनीताल, देहरादून तथा चंपावत के मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ के विभिन्न परिदृश्यों को लेकर मॉक ड्रिल की जाएगी।

एलर्ट को अंतिम छोर में बैठे व्यक्ति तक पहुंचाया जाएगा
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि उत्तराखण्ड में रिस्पांस टाइम में लगातार सुधार हो रहा है। वर्तमान में रिस्पांस टाइम 12 मिनट है। उन्होंने बताया कि आपदाओं से बचाव के लिए पहला कदम है, आपदा की सूचना को समय पर लोगों तक पहुंचाना तथा लोगों द्वारा एलर्ट को देखते हुए कदम उठाना। यूएसडीएमए अंतिम छोर में बैठे व्यक्ति तक एलर्ट पहुंचाने के लिए संकल्पबद्ध है और इस दिशा में तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए संचार के विभिन्न माध्यमों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

तैयारियों को परखा, सुझाव भी दिए गए
टेबल टॉप एक्सरसाइज के दौरान विभिन्न रेखीय विभागों की तैयारियों को परखा गया। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से पूछा गया कि अतिवृष्टि, बाढ़, जलभराव, मानव वन्य जीव संघर्ष की सूचना प्राप्त होने पर क्या किया गया। किस तरह राहत और बचाव कार्य संचालित किए गए। किन-किन उपकरणों का उपयोग किया गया। गोताखोर, जल पुलिस, जेसीबी, बोट, राफ्ट आदि के परिचालन पर भी विमर्श हुआ। राहत शिविरों में रेस्क्यू किए गए लोगों के लिए क्या-क्या व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं, इन सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। यूएसडीएमए स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के साथ ही जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र में विभिन्न रेखीय विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

जून में औसत से कम बारिश, जूल जुलाई में बरसेंगे मेघ

टेबल टॉप एक्सरसाइज के दौरान मौसम विज्ञान विभाग देहरादून के निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह ने बताया कि जून में उत्तराखण्ड में औसत से कम बारिश हुई है, लेकिन जुलाई और अगस्त में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है। इस दौरान उन्होंने मौसम विभाग द्वारा जारी किए जाने वाले विभिन्न एलर्ट्स की भी जानकारी दी।

फूड पैकेट एयर ड्राप करने का किया जाएगा अभ्यास

मॉक ड्रिल के दौरान बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों तक फूड पैकेट एयर ड्राप करने का भी अभ्यास किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि फूड पैकेट सही सलामत लोगों तक पहुंचें। साथ ही फूड पैकेट एयर ड्रॉप करने वाले की सुरक्षा भी खतरे में न पड़े।

तहसील प्रशासन ने बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का किया स्थलीय निरीक्षण

जिलाधिकारी संदीप तिवारी के निर्देश पर चमोली तहसील प्रशासन की टीम ने शनिवार को चमोली तहसील प्रशासन की टीम ने प्रभावित सैकोट, मैठाणा, नन्दानगर-नन्दप्रयाग सड़क और गोपेश्वर के लीसा फैक्ट्री बैंड का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उप जिलाधिकारी राजकुमार पांडे ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कार्रवाई करने के निर्देश दिए है।

चमोली जिले में शुक्रवार देर रात हुई भारी बारिश से सैकोट, मैठाणा, गोपेश्वर का लीसा फैक्ट्री क्षेत्र और नंदानगर क्षेत्र प्रभावित हो गया था। जिसका संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी के निर्देश पर उप जिलाधिकारी चमोली ने प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया है। उन्होंने बताया कि बारिश हुए नुकसान से क्षेत्र में 8 आवासीय भवनों को आंशिक नुकसान हुआ है। जबकि दो मवेशी मलबे में दब गए हैं। बताया कि बारिश के चलते सैकोेट में घरों में मलबा घुसने से हुए नुकसान को देखते हुए चार प्रभावित परिवारों को पांच-पांच हजार अहेतुक राशि प्रदान की गई है। जबकि आंशिक क्षतिग्रस्त आवासीय भवनों के स्वामियों को नियमानुसार क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया है। कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा कार्य के लिए भी संबंधित अधिकारियों को शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं

जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि जनपद में बारिश से हुए नुकसान का आंकलन कर प्रभावित क्षेत्रों में राहत देने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की बात कही गई। जिले में बारिश बाधित बदरीनाथ हाईवे को भनेरपानी, क्षेत्रपाल और नंदप्रयाग में सुचारु कर लिया गया है। ग्रामीण सड़कों को सुचारु करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों तैयारियों की समीक्षा बैठक हुई आयोजित

जिला निर्वाचन अधिकारी संदीप तिवारी की अध्यक्षता में शनिवार को त्रिस्तरीय पंचायत चुनावा की तैयारियों की समीक्षा की गई। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को चुनाव के सुचारु और सफल आयोजन के लिए सभी तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश दिए। साथ ही सड़क संबंधी विभागों के अधिकारियों को चुनाव के दौरान और मतदान पार्टियों की आवाजाही के लिए सड़कों को सुचारु रखने के के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए।

जिला सभागार में आयोजित बैठक के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी ने खंड विकास अधिकारियों और आरओ को निर्देशित करते हुए मतदेय स्थलों में आवास, विद्युत, पेयजल के साथ अन्य व्यवस्थाओं को समय से पूर्ण करने के आदेश दिए। नामांकन प्रक्रिया के निर्बाध संपादन के लिए आरओ और एआरओ को नियमावली का अध्ययन करने और प्रशिक्षण के दौरान अपनी सभी शंकाओं का समाधान करने और प्रत्याशियों को नामांकन पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेजों की सूची उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। जिला निवार्चन अधिकारी से सभी चुनाव में तैनात अधिकारियों और कर्मियों को बैठकों में आवश्यक रूप से उपस्थित होने के भी निर्देश दिए।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डा. अभिषेक त्रिपाठी ने तैयारियों की जानकारी लेते हुए सभी खंड विकास अधिकारियों को मतपेटियों के साथ ही अन्य चुनाव सामग्री की जांच कर आवश्यकता वाली सामग्री की समय से मांग प्रस्तुत करने और सड़क मार्ग से अधिक दूरी वाले मतदेय स्थलों तक समाग्री पहुंचाने के लिए मजदूरों की अवश्यकता वाले केंद्रों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही एनआईसी के अधिकारियों को त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों से संबंधित सभी आदेशों को समय से ऑनलाइन अपलोड करने की बात कही। उन्होंने मतदान और मतगणना के लिए कैमरे व नेटवर्क की व्यवस्थाओं की जांच कर समय से तैयारियां पूर्ण करने के भी निर्देश दिए। बैठक के पश्चात परियोजना अधिकारी आनंद सिंह भाकुनी की  अध्यक्षता में जनपद में तैनात आरओ व एआरओ को भी प्रशिक्षण दिया गया।

इस मौके पर परियोजना निदेशक आनंद सिंह भाकुनी, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अभिषेक गुप्ता, अर्थ एवं संख्याधिकारी विनय जोशी, कृषि अधिकारी जेपी तिवारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी धर्म सिंह, आत्म प्रकाश डिमरी, केके पंत सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

29 जून को आयोजित होने वाली राज्य सिविल/प्रवर अधीनस्थ सेवा प्रारम्भिक परीक्षा-2025 को लेकर जिला प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली

उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग की ओर से 29 जून को आयोजित होने वाली राज्य सिविल/प्रवर अधीनस्थ सेवा प्रारम्भिक परीक्षा-2025 को लेकर जिला प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली है। परीक्षा की तैयारियों को लेकर शनिवार को जिलाधिकारी संदीप तिवारी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की।

बैठक में परीक्षा को व्यवस्थित, नकलविहीन व शांतिपूर्ण संपन्न कराने को लेकर जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने परीक्षा से जुड़े सभी अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने बारिश की स्थिति को देखते हुए आपदा प्रबंधन अधिकारी को बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में निवासरत अभ्यर्थियों से सम्पर्क कर परीक्षा से पूर्व दिवस परीक्षा केंद्र के समीप पहुंचने के लिए अपील करने के निर्देश दिए।

परगना मजिस्ट्रेट राजकुमार पाण्डेय ने बताया कि जनपद में परीक्षा के सुचारू संचालन के लिए गोपेश्वर में तीन और कर्णप्रयाग व गौचर में एक-एक केंद्र बनाए गए हैं। कहा कि परीक्षा का आयोजन दो पालियों में किया जाएगा। जिसमें प्रथम पाली प्रातः 10.00 बजे से 12.00 बजे तथा द्वितीय पाली अपराहन 02.00 बजे से 04.00 बजे तक परीक्षा आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि सभी परीक्षा केन्द्रों की 200 मीटर की परिधि में धारा 163 लगायी गयी है। परीक्षा केन्द्र की 200 मीटर की परिधि के अन्तर्गत 5 या 5 से अधिक व्यक्ति एक स्थान पर एकत्र नहीं होंगे। परीक्षा केन्द्र में किसी व्यक्ति को सेलुलर फोन, पेजर, एनालॉग और डिजिटल वॉच ले जाने की अनुमति नहीं होगी। परीक्षा केन्द्र के आसपास ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग वर्जित रहेगा। कोई व्यक्ति परीक्षा केन्द्र के आसपास अस्त्र नहीं ले जाएगा। परीक्षा केन्द्र के 200 मीटर की परिधि में फोटो स्टेट की दुकानें बंद रहेगी। परीक्षा केन्द्र में साहित्य, प्रेसनोट, पम्पलेट व पोस्टर बैनर नहीं लगाए जाएंगे। यह आदेश 28 जून की सायं 6 बजे से 29 जून की सायं 05 बजे तक तक प्रभावी रहेगा।

सीएम धामी ने लोकतंत्र सेनानियों की मुद्दों के तत्परता से निस्तारण के लिए शासन स्तर पर नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए

सीएम धामी ने लोकतंत्र सेनानियों की मुद्दों के तत्परता से निस्तारण के लिए शासन स्तर पर नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि लोकतंत्र सेनानियों के कल्याण व हित में मानसून सत्र में अधिनियम लाने की तैयारी की जाए। मुख्यमंत्री ने लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि की प्रक्रिया सरल बनाने के निर्देश दिए है। उन्होंने अधिकारियों को लोकतंत्र सेनानियों की समस्याओं के शीघ्र निस्तारण के लिए कहा। सीएम ने संबंधित सचिव को लोकतंत्र सेनानियों को तत्काल प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है।

सीएम धामी ने कहा कि हमारी सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों को प्रतिमाह मिलने वाली सम्मान निधि को बढ़ाने का फैसला लिया था, जिसे आने वाले समय में और बढ़ाया जाएगा। हमारी सरकार लोकतंत्र सेनानियों की प्रत्येक समस्या के समाधान हेतु पूर्णतः प्रतिबद्ध है। हम राष्ट्र के प्रति आपके अतुलनीय योगदान को जन-जन तक पहुंचाने हेतु प्रतिवर्ष लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान कार्यक्रम आयोजित करते रहेंगे।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आपातकाल लगाए जाने के 50 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित संविधान हत्या दिवस 2025 पर  मुख्यमंत्री आवास  में  लोकतंत्र सेनानियों व उनके परिवारजनों का स्वागत एवं अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री श्री धामी ने आपातकाल में मीसा एवं डीआईआर बंदियों के साथ संवाद किया।  

समस्त लोकतंत्र सेनानियों को नमन करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जिन्होंने आपातकाल के अंधकारमय कालखण्ड में भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा हेतु अपना सर्वस्व अर्पण कर दिया, उन्हें सम्मानित करना अत्यंत गौरव का अवसर है। लोकतंत्र सेनानियों ने जेलों की काल कोठरियों में रहकर भी लोकतंत्र के दीप को बुझने नहीं दिया। यह लोकतंत्र प्रहरियों के तप, त्याग और अटूट संकल्प का ही परिणाम है, जिसके कारण भारत के प्रत्येक नागरिक के मन में लोकतंत्र के प्रति एकनिष्ठ आस्था विद्यमान है।

आपातकाल संविधान की आत्मा को कुचलने का प्रयास

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में 25 जून 1975 का दिन हमेशा एक काले अध्याय के रूप में याद किया जाएगा। 50 वर्ष पूर्व इसी दिन देश पर आपातकाल थोपा गया था और संविधान की आत्मा को कुचलने का प्रयास किया गया था। और यह सब एक व्यक्ति की हठधर्मिता और तानाशाही रवैए का परिणाम था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी को चुनावी भ्रष्टाचार का दोषी ठहराते हुए उनकी लोकसभा सदस्यता को निरस्त कर दिया गया था। सत्ता छिन जाने के भय से 25 जून की रात को भारत जैसे महान लोकतांत्रिक देश में आपातकाल की घोषणा करवा दी गई। भारतीय संसद का गला घोंट दिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता को बंधक बना लिया गया और न्यायपालिका की गरिमा तार-तार कर लाखों देशवासियों के मौलिक अधिकारों को रौंद दिया गया। आपातकाल के उन काले दिनों में सत्ता के नशे में चूर तत्कालीन सरकार ने सभी विपक्षी नेताओं, सैंकड़ों पत्रकारों सहित हर उस आवाज का निर्ममता से दमन किया जो लोकतंत्र की रक्षा के लिए उठ रही थी। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचल कर पूरे देश को एक खुली जेल बना दिया गया था। मीसा और डीआईआर जैसे काले कानून को थोपकर हज़ारों लोकतंत्र समर्थकों को जेलों में ठूंस दिया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपातकाल के दौरान लोकनायक जयप्रकाश नारायण, श्रद्धेय नानाजी देशमुख और श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जैसे महान नेताओं ने जेलों में रहते हुए भी लोकतंत्र के प्रति युवाओं में चेतना जाग्रत करने का कार्य किया। सत्ता के दमन का प्रतिकार करते हुए देशभर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्र-छात्राओं ने तानाशाही के विरुद्ध सड़कों पर उतरकर लोकतंत्र के पक्ष में जनजागरण प्रारंभ कर दिया। दिल्ली, बनारस, इलाहाबाद, पटना, जयपुर, पुणे, बेंगलुरु जैसे कई शहरों के अनेकों शैक्षणिक संस्थानों से शुरू हुआ विरोध धीरे-धीरे राष्ट्रव्यापी जनक्रांति में बदल गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सहित अनेकों सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने भी अपनी पूरी शक्ति से लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए आंदोलन चलाया। हजारों युवाओं ने जेल जाना स्वीकार किया, यातनाएँ सही, लेकिन अन्याय के आगे सिर नहीं झुकाया।
आपातकाल के काले अध्याय से आने वाली पीढ़ियों को अवगत कराना जरूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1977 के उस आम चुनाव में देश की जनता ने पहली बार किसी गैर कांग्रेसी सरकार को चुनकर लोकतंत्र की नई सुबह का सूत्रपात किया। भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई के बाद वो  दूसरी सबसे बड़ी जनक्रांति थी जिसने भारत को सत्ता के एकाधिकार से मुक्ति दिलाने का कार्य किया था। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी स्वयं आपातकाल के समय भूमिगत रहकर लोकतंत्र की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभा रहे थे। यही कारण है कि उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों के योगदान और आपातकाल के काले अध्याय से आने वाली पीढ़ियों को अवगत कराने हेतु 25 जून को “संविधान हत्या दिवस” के रूप में मनाने की शुरुआत की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में सत्ता को सेवा का माध्यम मानकर प्रत्येक व्यक्ति के कल्याण हेतु योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है।  प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में हमारी सरकार लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान हेतु पूर्ण रूप से संकल्पित होकर कार्य कर रही है। इसी क्रम में आज हमने आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, आज प्रदेश भर में आपातकाल के विरुद्ध हुए इस महान आंदोलन के बारे में हमारी युवा पीढ़ी को जागरूक करने के उद्देश्य से विभिन्न प्रदर्शनियों को आयोजित किया जा रहा है।

उत्तराखंड जैसे छोटे से राज्य में लिए जा रहे निर्णय देशभर के लिए आदर्श बन रहे

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड जैसे छोटे से राज्य में लिए जा रहे निर्णय देशभर के लिए आदर्श बन रहे। हम हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। राज्य में देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लाया गया है। एसडीजी रैंकिंग में हम प्रथम स्थान पर रहे है।

इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री श्री भगत सिंह कोशियारी, सचिव श्री शैलेश बगौली, लोकतंत्र सेनानी श्री कृष्ण कुमार अग्रवाल, श्री प्रेम बड़ाकोटी तथा बड़ी संख्या में लोकतंत्र सेनानी और उनके परिजन मौजूद रहे।

Cyber protection policies are the need of hour: Prof Mishra

Dehradun:

Cyber protection policies for academic institutions as well as countries are the need of the hour in this digital era. This was stated by Prof. P.K. Mishra, Senior Professor, Department of Chemical Engineering, IIT-BHU, and Former Vice-Chancellor of AKTU Lucknow & JUT Ranchi, as Chief Guest during the inaugural session of a week-long online Faculty Development Program (FDP) on Cyber Crime and Cyber Security, organized by the Mahamana Malaviya Teachers Training Centre (MMTTC), HNB Garhwal University today on May 15, 2025.

He further emphasized that cybersecurity is the trending area globally, underscoring its relevance in all spheres of life and governance. Prof. Mishra discussed various forms of cyber threats, including cyber terrorism, cyber defamation, virtual lock, and cyber-sex crimes, and stressed the growing need for cyber protection software and institutional cyber policies to combat these dangers. He also discussed the significance of cyber security in view of the “Panchsheel principles of the New Millennium”.
Dr. Rahul Kunwar Singh, the officiating Director of the centre, MMTTC, emphasized the critical need for raising cybersecurity and cybercrime awareness in higher education institutions to uphold academic integrity and secure institutional data. He said that the program is aimed at equipping faculty members from across the country with vital knowledge and tools to address emerging threats in cyberspace. The event marked a significant step toward fostering cyber-awareness and building digital competence among academicians across the country.
Providing a comprehensive overview of the program, Dr. Sudhir Kumar Chaturvedi, Course Coordinator, highlighted that this one-week initiative has successfully drawn 149 faculty participants from 20 different states across India. He underlined the multidisciplinary relevance of the program in today’s digitally connected academic and professional environment. The is covering a range of modules focusing on cyber law, digital safety practices, emerging threats, and institutional strategies for cyber hygiene and resilience. Welcome address to the guests and coordination of the session was performed by Dr. Somesh Thapliyal, the Assistant Director of the centre with great finesse.