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PGI Paediatric Radiology Team Wins National Awards 

IEP CHANDIGARH AUGUST 31, 2022

Prof. MS Sandhu, Head of the Department of Radiodiagnosis and Imaging, stated that it is a matter of great pride for the Department and for the Institute that many PGI  Radiology Residents won National Awards at the Annual Meeting of the Indian Society of Paediatric Radiology (ISPR) held at Jaipur on 27th and 28th August 2022.

Dr. Shubham Saini, Junior Resident of the Department of Radiodiagnosis won the coveted 

1st prize at this National Conference, while Dr. Ashish Dua, Senior resident and Dr. Harshith, Junior Resident jointly shared the second position at the recently held Annual Meeting of the Indian Society of Paediatric Radiology (ISPR) at Jaipur. 

Further, Prof. Akshay Kumar Saxena from the Department of Radiodiagnosis at PGI was elected as the President of the ISPR, while Prof. Kushaljit Singh Sodhi and Dr. Anmol Bhatia from the department were elected as Vice President and Treasurer respectively. More than 300 delegates attended this sub speciality Annual Paediatric Radiology Meeting.

हरियाणा ‘इज ऑफ डुईंग बिजनेस’ में भी बना टॉप रेंकड

INDIA E POST CHANDIGARH JULY 1, 2022

एमएसएमई के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए भारत सरकार द्वारा जहां प्रदेश को राष्टï्रीय स्तर पर तीसरा स्थान हासिल हुआ है, वहीं वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी ‘स्टेट इज ऑफ डुईंग बिजनेस’ के पांचवें संस्करण में हरियाणा को टॉप अचीवर्स कैटेगरी में होने की घोषणा की गई। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला, जिनके पास वाणिज्य एवं उद्योग विभाग का प्रभार भी है, ने हरियाणा सरकार की इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए विभाग तथा उद्यमियों को बधाई दी है।वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा उद्योग एवं आंतरिक व्यापार के प्रोमोशन के लिए गठित विभाग (डीपीआईआईटी) ‘स्टेट इज ऑफ डुईंग बिजनेस’ का पांचवां संस्करण नई दिल्ली में आज भारत की वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल की उपस्थिति में जारी किया।

इसमें हरियाणा को टॉप अचीवर्स कैटेगरी में होने की घोषणा की गई। इस कैटेगरी में हरियाणा के अलावा टॉप अचीवर्स कैटेगरी में आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना शामिल है।उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव श्री विजयेंद्र कुमार ने बताया कि डीपीआईआईटी ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के समन्वय से देश में कारोबारी माहौल में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इन सुधारात्मक कदमों के कार्यान्वयन और फीडबैक के आधार पर रैंक किया गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 की कार्य योजना में 15 क्षेत्रों में 301 सुधार बिंदु शामिल थे। इन सुधारों के कार्यान्वयन में हरियाणा ने 99+ प्रतिशत का स्कोर हासिल किया है।उन्होंने यह भी बताया कि इसके अतिरिक्त, निर्यात तैयारी सूचकांक (भूमि बंद श्रेणी)-2021 में राज्य को पहला तथा ‘लॉजिस्टिक्स इज एक्रोस डिफरेंट स्टेटस सर्वे’-2021 में दूसरा स्थान मिला है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व व उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला के मागदर्शन में राज्य में निवेश के माहौल में सुधार के लिए कई प्रमुख कदम उठाए गए, जिनमें नई औद्योगिक नीति ‘हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति 2020’ विशेष रही। इन नीति का उद्देश्य राज्य में 5 लाख नौकरियां पैदा करना, 1 लाख करोड़ से अधिक का निवेश आकर्षित करना और निर्यात को दोगुना करके 2 लाख करोड़ करना है। उन्होंने बताया कि राज्य में 100 राज्य-विधियों (अधिनियमों, नियमों और दिशा-निर्देशों) का पुनर्मूल्यांकन किया गया जिससे प्रदेश में निवेश के अनुकूल माहौल बना है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की औद्योगिक नीति को सभी निवेशकों और औद्योगिक संघों आदि से प्रशंसा मिलीहै। हरियाणा में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति के कई निवेश-प्रस्तावों जैसे मारुति, फाइवले, ग्रासिम पेंट्स, एटीएल बैटरीज, आरती ग्रीन टेक लिमिटेड, एम्पेरेक्स टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, एनरिच एग्रो फुड प्रोडेक्टस, जीएलएस पोलिफिल्मस आदि ने रूचि दिखाई है।श्री विजयेंद्र कुमार ने हरियाणा सरकार की उद्योगों को अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने की प्रतिबद्धता के कारण ही हरियाणा की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, ईज ऑफ लॉजिस्टिक्स और एक्सपोर्ट रेडीनेस में उत्कृष्टï रैंकिंग आई है। उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि राज्य सरकार के प्रयासों को उद्योगपतियों द्वारा अच्छी तरह से प्राप्त किया गया है, क्योंकि प्रदेश में उक्त कैटेगरियों में जो रैंकिंग आई हैं उनमें निवेशकों से भी राज्य में उद्योग सुधारों और सुविधाओं पर प्रतिक्रिया ली गई हैं।

हरियाणा को मिला ‘एमएसएमई नेशनल अवार्ड’ में तीसरा स्थान

INDIA E POST CHANDIGARH JULY 1, 2022

सरकार द्वारा एमएसएमई के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए प्रदेश को राष्टï्रीय स्तर पर तीसरा स्थान हासिल हुआ है। आज नई दिल्ली में भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय द्वारा उद्यमी-भारत कार्यक्रम के तहत आयोजित ‘एमएसएमई नेशनल अवार्ड’ समारोह में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरियाणा को यह अवार्ड दिया गया। इस अवसर पर हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला तथा वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के प्रधान सचिव श्री विजयेंद्र कुमार विशेष रूप से उपस्थित थे। एमएसएमई के क्षेत्र में हरियाणा देश के टॉप-3 राज्यों में शामिल है। इस अवसर पर हरियाणा की औद्योगिक नीतियों की काफी तारीफ हुई।इस कार्यक्रम में हरियाणा के दो एमएसएमई को भी अवार्ड मिला है। इनमें डॉ. हरजिंद्र कौर तलवार को वुमैन कैटेगरी के स्मॉल सर्विस इंटरप्राइज में प्रथम तथा रिषभ गुप्ता को मैनुफैक्चरिंग माईक्रो इंटरप्राइज की ओवरऑल कैटेगरी में तीसरे स्थान का अवार्ड मिला है।डिप्टी सीएम ने अवार्ड लेने के बाद मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय को धन्यवाद दिया कि उन्होंने राज्य एमएसएमई के विकास को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा किए गए प्रयासों को मान्यता दी है।

उन्होंने कहा कि बड़े उद्योगों के साथ-साथ हरियाणा छोटे एवं लघु उद्योगों के मामले में भी टॉप परफोर्मिंग स्टेट्स में बना हुआ है। मैं इस उपलब्धि के लिए प्रदेश के सभी उद्यमियों को बधाई देता हूँ। हमारा हमेशा से संकल्प रहा है कि प्रदेश में नए उद्यग लगें, उनका विकास हो और हमारे युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिले।उन्होंने कहा कि हरियाणा ने पिछले कुछ वर्षों में तेजी से आर्थिक विकास किया है और इसमें हमारे एमएसएमई का विशेष योगदान रहा है। प्रदेश में लगभग 9.7 लाख एमएसएमई हैं जो कि बढ़ती अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। राज्य सरकार ने एमएसएमई के लिए कई नई योजनाएं और पहल आंरभ की हैं ताकि उनको संस्थागत सलाह और सुविधा प्रदान की जा सके, साथ ही एक मजबूत नीतिगत ढांचा भी बनाया जा सके।श्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में एमएसएमई का समर्थन करने के लिए एक समर्पित विभाग ‘एमएसएमई निदेशालय’ की स्थापना की हुई है, इससे बाजार, प्रौद्योगिकी और कुशल श्रमिकों तक पहुंच आसान हुई है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार राज्य में औद्योगिक विकास, विशेषकर एमएसएमई के लिए लक्षित नीतियां लेकर आई है।उपमुख्यमंत्री ने राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशाउठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा ने ‘वोकल फॉर ग्लोबल’ के सिद्घांत पर चलतेे हुए अपनी तरह का एक प्रोग्राम ‘पदमा’ शुरू किया है जिसका मुख्य उद्देश्य खंड स्तर पर एक गतिशील, आत्मनिर्भर और संपन्न औद्योगिक बुनियादी ढांचा तैयार करना है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार एमएसएमई के विकास के लिए भारत सरकार के क्लस्टर विकास दृष्टिकोण पर पूरा फोकस कर रही है। भारत सरकार की एमएसई-सीडीपी योजना पर जोर देने के अलावा हरियाणा अपनी तरह की पहली ‘राज्य मिनी क्लस्टर योजना’ भी लेकर आया है। उन्होंने बताया कि अब तक, एमएसई-सीडीपी योजना के तहत हरियाणा से 140 करोड़ रुपए की लागत के 9 क्लस्टरों को मंजूरी दी गई है। इसमें से भारत सरकार की ओर से 58 करोड़ रुपए की सहायता दी गई है।

जबकि, राज्य मिनी क्लस्टर विकास योजना के तहत प्रदेश में 43 एमएसएमई कलस्टर की विभिन्न पहलें,जिनकी कीमत 119 करोड़ रुपये से अधिक है, आरंभ की गई हैं। राज्य सरकार के इन व्यापक क्लस्टर विकास प्रयासों से हरियाणा में 8,000 से अधिक एमएसएमई लाभान्वित हुए हैं।

Haryana bags third place in ‘MSME National Award’

IEP CHANDIGARH JULY 01, 2022

Haryana has been ranked third at the national level for the remarkable work done by the state government in the field of MSMEs. The Prime Minister, Sh. Narendra Modi gave this award to Haryana, at the ‘MSME National Award’ function organized under the Entrepreneur-India programme by the Ministry of MSME, Government of India, in New Delhi today. Haryana Deputy Chief Minister, Sh. Dushyant Chautala and Principal Secretary, Commerce and Industry Department, Sh. Vijayendra Kumar were present on this occasion. Haryana is included in the top 3 states of the country in the field of MSME. The industrial policies of Haryana were highly praised on this occasion.

        Two MSMEs of Haryana have also received awards in this programme. Among these, Dr. Harjinder Kaur Talwar got the first prize in the small service enterprise of women category and Sh. Rishabh Gupta got the third position in the overall category of manufacturing micro enterprise.

        In response to a question asked by mediapersons after receiving the award, the Deputy Chief Minister extended gratitude towards the Prime Minister, Sh. Narendra Modi and the Ministry of MSME, Government of India, for recognizing the efforts made by the Haryana Government to promote the development of the State MSMEs. He said that along with big industries, Haryana remains among the top performing states in terms of medium and small scale industries. I congratulate all the entrepreneurs of the state for this achievement. It has always been our resolve that new industries should be set up in the state, they should be developed and our youth should get maximum employment.

        He said that Haryana has made rapid economic development in the last few years and our MSMEs have made a special contribution in this. There are about 9.7 lakh MSMEs in the state which are the backbone and contribute to the pacing economy. The state government has launched several new schemes and initiatives for MSMEs to provide them institutional advice and facilitation, as well as to create a strong policy framework.

Sh. Dushyant Chautala said that the Haryana Government has set up a dedicated department ‘Directorate of MSME’ to support MSMEs in various sectors, thereby facilitating access to market, technology and skilled workers. He informed that the State Government has come up with targeted policies for industrial development, especially for MSMEs in the State.

        Giving information about the steps taken towards making the state self-reliant, the Deputy Chief Minister said that following the principle of ‘Vocal for Global’, Haryana has started a one-of-a-kind programme ‘Padma’, whose main objective is to develop a self-reliant programme at the block level. To create a dynamic, self-sustaining and thriving industrial infrastructure. He said that the Haryana Government is completely focusing on the cluster development approach of the Government of India for the development of MSMEs. Haryana has also come up with a first of its kind ‘State Mini Cluster Scheme’, in addition to its thrust on the Government of India’s MSE-CDP scheme. He informed that so far, 9 clusters worth Rs. 140 crore have been sanctioned from Haryana under MSE-CDP scheme. Out of this, an assistance of Rs. 58 crore has been given by the Government of India. Whereas, under the State Mini Cluster Development Scheme, various initiatives of 43 MSME clusters, which cost more than Rs. 119 crore, have been started in the state. More than 8,000 MSMEs in Haryana have been benefited by these comprehensive cluster development efforts of the state government.