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हरियाणा ‘इज ऑफ डुईंग बिजनेस’ में भी बना टॉप रेंकड

INDIA E POST CHANDIGARH JULY 1, 2022

एमएसएमई के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए भारत सरकार द्वारा जहां प्रदेश को राष्टï्रीय स्तर पर तीसरा स्थान हासिल हुआ है, वहीं वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी ‘स्टेट इज ऑफ डुईंग बिजनेस’ के पांचवें संस्करण में हरियाणा को टॉप अचीवर्स कैटेगरी में होने की घोषणा की गई। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला, जिनके पास वाणिज्य एवं उद्योग विभाग का प्रभार भी है, ने हरियाणा सरकार की इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए विभाग तथा उद्यमियों को बधाई दी है।वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा उद्योग एवं आंतरिक व्यापार के प्रोमोशन के लिए गठित विभाग (डीपीआईआईटी) ‘स्टेट इज ऑफ डुईंग बिजनेस’ का पांचवां संस्करण नई दिल्ली में आज भारत की वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल की उपस्थिति में जारी किया।

इसमें हरियाणा को टॉप अचीवर्स कैटेगरी में होने की घोषणा की गई। इस कैटेगरी में हरियाणा के अलावा टॉप अचीवर्स कैटेगरी में आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना शामिल है।उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव श्री विजयेंद्र कुमार ने बताया कि डीपीआईआईटी ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के समन्वय से देश में कारोबारी माहौल में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इन सुधारात्मक कदमों के कार्यान्वयन और फीडबैक के आधार पर रैंक किया गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 की कार्य योजना में 15 क्षेत्रों में 301 सुधार बिंदु शामिल थे। इन सुधारों के कार्यान्वयन में हरियाणा ने 99+ प्रतिशत का स्कोर हासिल किया है।उन्होंने यह भी बताया कि इसके अतिरिक्त, निर्यात तैयारी सूचकांक (भूमि बंद श्रेणी)-2021 में राज्य को पहला तथा ‘लॉजिस्टिक्स इज एक्रोस डिफरेंट स्टेटस सर्वे’-2021 में दूसरा स्थान मिला है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व व उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला के मागदर्शन में राज्य में निवेश के माहौल में सुधार के लिए कई प्रमुख कदम उठाए गए, जिनमें नई औद्योगिक नीति ‘हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति 2020’ विशेष रही। इन नीति का उद्देश्य राज्य में 5 लाख नौकरियां पैदा करना, 1 लाख करोड़ से अधिक का निवेश आकर्षित करना और निर्यात को दोगुना करके 2 लाख करोड़ करना है। उन्होंने बताया कि राज्य में 100 राज्य-विधियों (अधिनियमों, नियमों और दिशा-निर्देशों) का पुनर्मूल्यांकन किया गया जिससे प्रदेश में निवेश के अनुकूल माहौल बना है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की औद्योगिक नीति को सभी निवेशकों और औद्योगिक संघों आदि से प्रशंसा मिलीहै। हरियाणा में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति के कई निवेश-प्रस्तावों जैसे मारुति, फाइवले, ग्रासिम पेंट्स, एटीएल बैटरीज, आरती ग्रीन टेक लिमिटेड, एम्पेरेक्स टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, एनरिच एग्रो फुड प्रोडेक्टस, जीएलएस पोलिफिल्मस आदि ने रूचि दिखाई है।श्री विजयेंद्र कुमार ने हरियाणा सरकार की उद्योगों को अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने की प्रतिबद्धता के कारण ही हरियाणा की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, ईज ऑफ लॉजिस्टिक्स और एक्सपोर्ट रेडीनेस में उत्कृष्टï रैंकिंग आई है। उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि राज्य सरकार के प्रयासों को उद्योगपतियों द्वारा अच्छी तरह से प्राप्त किया गया है, क्योंकि प्रदेश में उक्त कैटेगरियों में जो रैंकिंग आई हैं उनमें निवेशकों से भी राज्य में उद्योग सुधारों और सुविधाओं पर प्रतिक्रिया ली गई हैं।