IEP CHANDIGARH JULY 20, 2022
महिला एवं शिशुओं के अस्पतालों की प्रसिद्ध श्रृंखला, मदरहुड हॉस्पिटल्स ने आज चंडीगढ़ में अत्याधुनिक फर्टिलिटी ट्रीटमेंट सेंटर, मदरहुड फर्टिलिटी एवं आईवीएफ शुरू किया। मदरहुड फर्टिलिटी एवं आईवीएफ ने चंडीगढ़ और ट्राईसिटी में प्रवेश चैतन्य हॉस्पिटल्स के साथ एक सामरिक साझेदारी के तहत किया है। चैतन्य हॉस्पिटल 30 सालों से ज्यादा समय से माताओं एवं शिशुओं को बेहतरीन सेवाएं देता आ रहा है।
यह सेंटर फर्टिलिटी का इलाज कराने वाले दंपत्तियों को मल्टीडिसिप्लिनरी केयर का दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। उन्हें क्लिनिकल विशेषज्ञता के साथ एम्ब्रायोलॉजी में नेक्स्ट जनरेशन की टेक्नॉलॉजी, अत्याधुनिक आईवीएफ लैब और गर्भधारण करने के सफर को सफल बनाने के लिए सहयोगी टीम की मदद मिलती है।
इसके लॉन्च के बारे में श्री विजयरत्न वेंकटरमन, सीईओ, मदरहुड हॉस्पिटल्स ने कहा, ‘‘फर्टिलिटी केयर की जरूरत पूरे देश में बढ़ रही है। ज्यादातर मांग टियर 2 और टियर 3 शहरों के उन दंपत्तियों से आ रही है, जो प्राकृतिक रूप से गर्भ धारण नहीं कर पा रहे हैं। फर्टिलिटी के इलाज में हमारी संपूर्ण सेवाओं के साथ हमारा उद्देश्य चंडीगढ़, ट्राईसिटी और नजदीकी इलाकों के दंपत्तियों एवं परिवारों को उच्च गुणवत्ता की केयर प्रदान करना है ताकि माता-पिता बनने का उनका सपना पूरा हो सके।’’
लॉन्च के प्रति अपना दृष्टिकोण साझा करते हुए डॉ. नीरज कुमार, एचओडी एवं चीफ कंसल्टैंट, पीडियाट्रिक्स, मदरहुड चैतन्य हॉस्पिटल, चंडीगढ़, मदरहुड चैतन्य हॉस्पिटल, चंडीगढ़ ने कहा, ‘‘हम मदरहुड के साथ साझेदारी करने और महिला, शिशु केयर, एवं फर्टिलिटी केयर में अपनी सेवाएं प्रदान करने के लिए बहुत उत्साहित हैं। हम 10 सालों से ज्यादा समय से बेहतरीन सफलता दर/परिणामों के साथ फर्टिलिटी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, और इस साझेदारी द्वारा हम अपने सभी मरीजों को श्रेष्ठतम सेवा प्रदान करने के लिए आशान्वित हैं।’’
डॉ. पूनम गर्ग, एचओडी एवं चीफ कंसल्टैंट – ऑब्सटीट्रिक्स एवं गायनेकोलॉजी, मदरहुड चैतन्य हॉस्पिटल, चंडीगढ़ ने कहा, ‘‘आईवीएफ गर्भ बहुमूल्य होते हैं और उन्हें विशेषज्ञ देखभाल की जरूरत होती है। मदरहुड आईवीएफ में हमें विशेषज्ञों की एक समन्वित टीम होने पर गर्व है, जो यह सुनिश्चित करती है कि आईवीएफ द्वारा धारण होने वाले हर गर्भ के लिए एंटीनैटल अवधि में और प्रसव के समय व्यक्तिगत देखभाल प्रदान की जाए।’’
डॉ. वंदना नरुला, सीनियर कंसल्टैंट- फर्टिलिटी एवं आईवीएफ, मदरहुड फर्टिलिटी एवं आईवीएफ, चंडीगढ़ ने कहा, ‘‘विभिन्न अध्ययनों एवं रिपोर्ट के मुताबिक, 10 से15 प्रतिशत भारतीय दंपत्तियों को फर्टिलिटी की समस्याएं होती हैं। जिसके कारण उन्हें प्राकृतिक साधनों द्वारा गर्भधारण कर पाना मुश्किल होता है। इतना ही नहीं, इनमें से भी केवल 1 प्रतिशत दंपत्ति ही फर्टिलिटी का इलाज कराते हैं। टियर 2 और टियर 3 शहरों में यह संख्या और भी ज्यादा कम है, जहां इन्फर्टिलिटी एक कलंक माना जाता है और इसके बारे में जागरुकता की बहुत कमी है। फर्टिलिटी की समस्याओं और इलाज के विकल्पों की जागरुकता बढ़ाए जाने की जरूरत है, ताकि ऐसे दंपत्ति समय पर इलाज करा सकें।’’
इस अवसर पर मदरहुड फर्टिलिटी एवं आईवीएफ ने एक स्पेशल एडॉप्शन काउंसलिंग सेवा लॉन्च की, जो दंपत्तियों को गोद लेने की नीतियों एवं प्रक्रियाओं के बारे में शिक्षित करेगी। यह अद्वितीय सेवा किसी आईवीएफ सेंटर में पहली बार शुरू की गई है। ऐसे दंपत्ति भी हैं, जिनमें आईवीएफ के सफल होने की संभावनाएं बहुत कम होती हैं। उनके लिए गोद लेने का विकल्प बहुत अच्छा होता है। हमारी काउंसलर इन दंपत्तियों को गोद लेने की प्रक्रिया एवं संभावना के बारे में शिक्षित करेंगे। गोद लेने की प्रक्रिया में जरूरतमंद दंपत्तियों को बच्चा मिल जाता है और लावारिस बच्चे को एक परिवार मिल जाता है।